Sunday, June 22, 2008

२२ साल बाद तलाक?

एक तलाक का निणॅय में २२ वर्ष लग गए। नई दिल्ली के मुखर्जी नगर के निवासी श्री शैलेन्द्र ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत १९८५ में तलक की अर्जी दी थी। आखिरकार २२ साल बाद उन्हें तलक मिल ही गया। दोनों पति पत्नी २२ सालो से अलग रह रहे थे। यदि उन्हें तलाक लेने के बाद दूसरी शादी करनी होती तो २२ साल के बाद तो सारे अरमान धरे के धरे रह गए होंगे। क्या ऐसा नही हो सकता की न्याय जल्दी हो जाता और दोनों में से जो कोई भी दूसरा विवाह कर दांपत्य जीवन के सुख के लिए पुनर्विवाह कर सकता? मेरे हिसाब से जब शादी १ दिन में हो सकती है तो तलाक के लिए इतना लंबा समय क्यों? पूरी कहानी यहाँ पढ़े >>

कैसे जियेंगे गरीब इस महंगाई में ?

महंगाई है की घटने का नाम ही नही ले रही है। बढती महंगाई में सबसे ज़्यादा अगर किसी को भुगतना पड़ रहा है तो वो है मध्यम एवं गरीब वर्ग। महंगाई ने हाल ही में पिछले १३ वर्षों का रिकॉर्ड तोडा है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार अभी महंगाई के और बढ़ने की उम्मीद है जो की १५ % तक जा सकती है। ऐसे में जिन लोगों ने बैंक, पी.पी.ऍफ़। में निवेश कर रखा होगा उनको नेगेटिव रिटर्न मिलने की उम्मीद है। उदाहरण के लिए यदि ब्याज डर ८.५% है और महंगाई १०-१२ % तो बीच का अन्तर निवेशक की पूँजी से कम हो जाएगा। यानि नेगेटिव रिटर्न।

सबसे ज़्यादा प्रभावित तो ठेला लगाने वाले, सब्जी विक्रेता, एवं मजदूर वर्ग ह रहे है। ऊपर से पेट्रोल के दाम बढ़ने से रोज़ मर्रा की आवश्यकता की वस्तुओं पर भी असर पड़ रहा है एवं उनके भी दाम आसमान छु रहे है। गैस के दाम तो बढ़ ही चुके आगे देखिये और किन किन चीज़ों के दाम बढ़ेंगे। विशेषज्ञों का यह भी मानना है महंगाई की बढ़ी हुई डर से अभी निकट भविष्य में कोई सुधार होने की उम्मीद नही है बल्कि इसका असली असर तो २-३ महीने में पता चलेगा।
रोज़ कमाने खाने वालोके लिए जीना कितना मुश्किल हो गया है। सरकार जबतक कुछ ठोस कदम उठाएगी तब तक कही गरीबो का दम ही न निकल जाए.

Monday, February 4, 2008

टेली शॉपिंग मे बिकते यन्त्र, लाकेट, पेंडेंट, का धंधा (Selling yantra, locket, pendant via tele shopping)

आजकल हर प्रमुख चैनल पर तेल शॉपिंग के विज्ञापन आते है जिसमे तरह तरह के लोकेट , पेंडेंट, यन्त्र वगैरह बेचे जा रहे है। इन विज्ञापनों मे धारावाहिक मे काम काम करने वाले मशहूर कलाकारों का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर बेचे जाने वाले इन यंत्रों के विषय मे यह बताया जाता है कि इसको खरीद कर घर मे पूजा ग्रह मे स्थापित करने या गले मे पहनने से लक्ष्मी कि असीम कृपा हो जाती है, व्यापार मे तरक्की सुनिश्चित हो जाती है। पर आज तक मुझे इन चीजो मे विश्वास नही हो पाया। माना कि कुछ मूल्यवान पत्थर जैसे रूबी, पन्ना, नीलम इत्यादी का भी एक विज्ञान है पर ये क्या गारंटी कि हर पहनने वाला इन लोकेट एवं यंत्रों कि मदद से धनी हो जाएगा। यदि ऐसा वास्तव मे होता हो तो मैं भारत सरकार से गुजारिश करना चाहूंगी कि विभिन्न विकास कि योजनाए बनाने एवम उसमे करोडो रूपये बर्बाद करने के बजाये ये यन्त्र या लोकेट खरीद कर हर गरीब मे बट्वा देना चाहिऐ जिसके कि पूरे भारत कि गरीबी दूर हो सके।

टेली शॉपिंग के ज़रिये आजकल हर तरह कि चीज़ को खूब बढ़ा चढा कर दिखाया जाता है, तथा कई लोगो को उसके प्रयोग से हुए लाभो का गुडगान करते हुए दिखाते है। मेरे विचार से ऐसे भ्रमित करने वाले एवम झूठी गारंटी देने वाले विज्ञापनों पर तुरंत रोक लगनी चाहिऐ। अब आप ही बताईये कि क्या श्री यन्त्र को हर घर मे स्थापित करवा देने से यदि धन कि प्राप्ति होती हो तो क्या उसका क्या करना चाहिऐ।

Sunday, February 3, 2008

घरेलु नुस्खे : प्याज़ के फायदे ( Home Remidies: Benifits of Onion)

घरेलू नुस्खे :प्याज़ (Home Remidies: Onion) बिना प्याज़ के सब्जी का स्वाद ही शायद बेकार लगे। पूरे भारत मे प्याज़ का इस्तेमाल सब्जी मी किया जाता है। पर वास्तव मे प्याज़ बहुत ही गुढ्कारी औषधि का भी काम करता है एवं कई रोगों मे तो राम बाँण का काम करता है। आइये इसके कुछ कारगर घरेलु प्रयोगों के बारे मे जाने :

  • पतले दस्त (dysentery) रहे हो तो प्याज़ के रस को नाभि पर लगाए, आराम मिलेगा
  • प्याज़ नेत्र ज्योति बढ़ाने मे सहायक होता है
  • दमा (Asthma) के रोग मे सफ़ेद प्याज़ के रस को शहद के साथ खाने पर बहुत फायदा होता है
  • दांत के दर्द मे प्याज़ के टुकड़े को दातो के बीच दबा लेने से दर्द मे आराम मिलता है
  • प्याज़ के रस कि मालिश करने से गठिया के दर्द मे आराम मिलता है
  • खून कि कमी (Anemia) होने पर प्याज़ के रस को शहद के साथ सेवन करने से खून कि कमी दूर होती है
  • उच्च रक्तचाप (High blood Pressure) के रोगियो के लिए भी प्याज़ लाभकारी है और उनको प्याज़ अवश्यकहना चाहिऐ क्योंकि प्याज़ उच्च रक्तचाप को कम करता है
  • प्याज़ मानसिक तनाव (Stress) मे भी काफी उपयोगी होता हैप्याज़ मे पाए जाने वाला एक रसायन मानसिकतनाव को कम करता है
  • उल्टिया (vomiting) आने या जी मचलने मे प्याज़ को नमक के साथ खाने मे काफी आराम मिलता है
  • अपच (Indigestion) हो तो प्याज़ के रस को नमक के साथ खाएँ आराम मिलेगा

Thursday, January 31, 2008

Blogger Buzz: Now you can blog in Hindi

Hi friends, this is a very great news to share with you. Now one can easily create a blog in Hindi also. www.blogger.com owned by google has offered a special transiliteration feature which enables a blogger to blog in Hindi. Thanks to blogger and see i have created a blog in Hindi.
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Uses of Microwave माइक्रोवेव के उपयोग

आज के ज़माने मे माइक्रोवेव किचेन कि शोभा बढ़ा रह है । शहरो मी तो माइक्रोवेव का चलन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। हो भी क्यो न ! माइक्रोवेव के उपयोग भी तो बहुत सारे हैं । अगर सर्वे किया जाये तो अधिकतर घरों मे माइक्रोवेव का इस्तेमाल अधिकतर खाना गर्म करने या हल्का फुल्का पकाने तक ही सीमित है लेकिन इसके अन्य भी कई उपयोग है । चलिए आज इसिस विषय पर बात करते है और इसके अन्य उपयोगों के बारे मी जानते हैं।

मलाई से घी निकालना :
एक माइक्रोवेव सुरक्षित बोव्ल ले उसमे मलाई को आधा भरें । इसे बिना ढके माइक्रोवेव १००% पॉवर पर १०-१२ मिनट के लिए रखे । मलाई उबलते उबलते घी मे परिवर्तित हो जायेगी । खोया इस्तेमाल करना हो तो छान कर अलग निकाल ले अथवा उसे फ़ेंक दे। कुछ बातों का ख़याल रखे कि बोव्ल मे मलाई को आधा से ज्यादा न भरे अथवा मलाई उफन कर बाहर गिर सकती है। मलाई मे दूध ना हो नही तो समय अधिक लगेगा।

आलू अथवा अन्य सब्जी को उबालना : माइक्रोवेव मे आलू या अन्य कोई सब्जी उबालना अत्यंत ही आसान है। वो भी बिना पानी के ! जी हाँ ! आलू, शकरकंदी, मटर, आदि को आप माइक्रोवेव सुरक्षित बोव्ल मे अथवा पालीथीन मे रख कर आसानी से उबाल सकते हैं । सब्जी या आलू पालीथीन या बोव्ल मे रख कर माइक्रोवेव १००% पॉवर पर ४ से ६ मिनट का समय दे। छिलके वाली सब्जी जैसे आलू, बैगन, शकरकंदी आदि उबाल रहें हो तो उसमे चाकू से २-३ जगह गोद दे जिससे कि वो फटे नही।

आटा, सूजी, दलिया, बेसन, सौफ, मखाना, काजू, मूंगफली, लाई, चिवडा आदि को भूनना :
उपरोक्त मे से किसी भी चीज़ को भूनना हो तो उसे माइक्रोवेव सुरक्षित बोव्ल मे रखकर बिना ढके माइक्रोवेव १००% पॉवर पर ४-६ मिनट का समय दे । बीच मे २-३ बार चला दे। आटा, बेसन, सूजी को भूनने मे ६-७ मिनट लगता है बाकी अन्य चीजे ३ से ४ मिनट मे भुन जाती है। सूजी आटा बेसन को भुनते समय बीच मे ज़रूर चलाये अन्यथा वे बीच मे जल जाएँगी।

defrost करना : फ्रीज़र मे से निकाले गए जमे हुए चीजों को सामान्य तापमान मे लाने को देफ्रोस्तिंग (defrosting) करना कहते है । सामान्यतः माइक्रोवेव मे ऑटो दिफ्रोस्त का फीचर होता जिसमे ४-५ चीजो के लिए आपको समय और पॉवर डालने कि आवश्यकता नही पड़ती है पर अन्य चीजे जैसे मटर, पनीर, आदि को defrost करना हो तो माइक्रोवेव ४०% से अधिक पॉवर का प्रयोग ना करे । defrost करने के लिए ३ - से ८ मिनट का समय दीजिए । जो भो समय आपने defrost के लिए डाला हो उसके बीच मे एक बार उसे पलट अवश्य दे। कभी भी defrost करने के लिए माइक्रोवेव कि पूरी पॉवर का इस्तेमाल न करे।

पापड़, चिप्स आदि को सेकना :
माइक्रोवेव मे पापड़ को बिना घी तेल के भूना जा सकता है। पापड़ को माइक्रोवेव की कांच कि प्लेट मे रखें एवं माइक्रोवेव १००% पॉवर पर ३० सेकंड से एक मिनट का समय दे। एक साथ १०-१५ पापड़ भूनने हो तो बीच मे उसे पलट दे। यदि घी वाले पापड़ का स्वाद चाहते हो तो पापड़ मे माइक्रोवेव मे रखने से पहले ही घी लगा दे। पापड़ मे चटनी , सास् का लेप लगा कर आप अलग अलग स्वाद का आनंद ले सकते है।

पोप्कोर्न (Popcorn) बनाना :
पोप्कोर्न बनने के लिए मक्के के दाने को माइक्रोवेव सुरक्षित बोव्ल मे रखे, मक्खन एवं मसाले डाल दे एवं ढक कर माइक्रोवेव १००% पॉवर पर ३ से ५ मिनट का समय दे।

नम हो गए बिस्किट या दालमोठ को कुरकुरा करना :
बिस्किट, चुरा, लाई, दालमोठ आदि को कुरकुरा करना इसे माइक्रोवेव के अन्दर कांच की प्लेट पर फैला दे एवं २ से ३ मिनट के लिए ग्रिल कर दे । ठंडा होने पर वे कुरकुरे हो जायेंगे ।

माइक्रोवेव को होट केस ( Hot Case ) की तरह इस्तेमाल करना :
बहुत कम लोग जानते होंगे की माइक्रोवेव को होट केस की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है ।आप इसमे खाने को जबतक चाहे गर्म रख सकते हैं। जिस भी चीज़ को गर्म रखना हो उसे पहले गर्म कर ले और फिर माइक्रोवेव की सबसे कम १०% या २०% पॉवर पर जितने समय तक गर्म रखना हो समय डाल कर ओन कर दे। खाना तबतक गर्म रहेगा ।

Wednesday, January 30, 2008

Blog : Your online journal

एक समय था जब लोग अपनी रचनाओ को लिख कर पत्रिकाओ और समाचार पत्र के संपादक को भेजा करते थे और महीने भर बाद अगर आपका लेख संपादक को पसंद आता तो उसे छापा हुआ देखना नसीब होता था। पर अब समय कितना बदल चूका है। अब आप लिखने के शौकीन हो तो बस अपना (blog) बनाइये और जो चाहे लिख कर उसे ब्लोग पर छाप दीजिए । ना तो किसी कि पसंद या नापसंद कि फिक्र न ही कोई इंतज़ार । मैंने भी जब लोगों को ब्लोग बनाते और लिखते हुए देखा तो सोचा क्यो न मैं भी अपना ब्लोग बनाऊ और मैं भी शुरू हो गयी। और आज लिखते हुए कितना सुकून मिलता है। ब्लॉगर जो कि गूगल का ही एक हिस्सा है उसमे कितनी सुविधा हो गयी है। दुनिया कि हर मुख्य भाषा मे ब्लोग बनाए जा सकते है और लिखना भी बहुत आसान । पहले पहल तो मुझे हिन्दी मे लिखने के लिए अंग्रेजी के शब्दों को लिखने मे कुछ दिक्कत हुई पर चूँकि हिन्दी मे संक्षिप्त संदेश भेजने के लिए अंग्रेजी का जैसे इस्तेमाल करती थी वैसे ही इसमे करते हुए कोई कठिनाई नही हुई। चिटठा और चिट्ठाकारिता हुआ कितना आसान ! मैं गूगल और सभी चिट्ठाकारों को धन्यवाद देना चाहती हूँ जिनसे प्रेरित होकर मुझे भी ब्लोग बनने कि सूझी और एक नयी शुरुआत हुई। हिन्दी चिट्ठाकारिता से मुझे लगता है कि कई ऐसे लोग है जिनमे कई नए लेखकों का जन्म होगा और हिन्दी रचना जगत मे हिन्दी का और भी विकास होगा
जल्द ही फिर मिलती हूँ

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