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Friday, August 15, 2008
अपनी आजादी के बारे में पुनः सोचो...
आज भारत ने अपना ६१ वां स्वाधीनता दिवस (Independence day)मनाया । पूरे देश में यह राष्ट्रीय पर्व धूम धाम से मनाया गया और सबसे अच्छी बात ये रही की सब कुछ कुशल रहा । ऐसे मौंको पर आतंकवाद की घटनाये होने की संभावना अधिक होती है। आज हम आजाद हिन्दोस्तान में साँस ले रहे है इस बात को याद करने का यह दिन था बरसो की गुलामी से हमे किस तरह से छुटकारा मिला, किस तरह से सैनिकों ने शहीद होकर हमे आज़ादी दिलाई, जाने कितने लोग शहीद हो गए और तब जाकर हम और हमारी आने वाली पीढी आज़ादी का आनंद उठा रहे है। पर वास्तव में सोचने वाली बात ये है की अभी भी भारत में बहुत सारी जंजीरे है जो हमारे देशवासिओं को गुलाम बनाये हुए है। अभी भी हमे बहुत से चीजों से मुक्त होना है। आतंकवाद, भ्रष्टाचार, गरीबी, बेईमानी, घूसखोरी, गुंडागर्दी, जातिवाद, धार्मिक कट्टरपंथी आदि अपनी जड़े फैला रही है, इन सब से भारत को लड़ना है और आजाद होना है। पर यह तभी सम्भव है जब आज के युवा एवं बुद्धिजीवी वर्ग आपस में मिल जुल कर इससे लड़े। सबसे बड़े दुःख की बात तो ये है की हमारे नेता ही इस देश को लूटने में लगे हुए है। उन्हें एक दूसरे के ऊपर कीचड उछालने के अलावा कुछ नही सूझता है। कोई धर्म के नाम पर तो कोई प्रांत के नाम पर सियासी दांव पेंच लड़ते रहते है और सरकारी धन को अपनी तिजोरिओं में बंद करने में लगे हुए है। आम जनता इन सभी कारणों से अभी भी गुलाम की तरह जी रही है। एक गरीब का जीना दिन पर दिन कठिन होता जा रहा है। असली आज़ादी अभी भी बाकी है... आओ सब मिल कर एक हो जाएँ और आजादी के इस पर्व पर संकल्प ले भारत को असली आजादी दिलाने का...जय हिंद। जय भारत.
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